Sunday 22 September 2013

.बहुत शुभ कामनाएँ ..प्यारी बेटियों को !!



डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा 

सब मुझको मीठी कहते हैं 
माँ कहती है कम बतियाओ ।

मेरी फ्रॉक बड़ी ही सुन्दर
माँ कहती है कम इतराओ ।
पापा कहते परी हूँ उनकी
माँ कहती है मुँह धो आओ ।

बच्चे कहते आओ खेलें
माँ कहती है पढ़ने जाओ ।

फास्ट फ्रेंड से हुआ है पंगा
माँ कहती है भूल भी जाओ ।


मेरी गुड़िया सोई न अब तक
माँ कहती है अब सो जाओ ।

आँख में आँसू देखे बोले
गले लगा लूँ पास तो आओ ।

---------------०००००----------------

8 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी का लिंक कल सोमवार (23-09-2013) को "वो बुलबुलें कहाँ वो तराने किधर गए.." (चर्चा मंचःअंक-1377) पर भी होगा!
    हिन्दी पखवाड़े की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
    Replies
    1. मेरी भावनाओं के प्रति आपके इस स्नेह भाव के लिए ह्रदय से आभारी हूँ |

      सादर !!

      Delete
  2. सुन्दर बाल कविता .....

    ReplyDelete
    Replies
    1. हृदय से आभार आपका |

      सादर !

      Delete
  3. वाह ! बेहद खूबसूरती से कोमल भावनाओं को संजोया इस प्रस्तुति में आपने ...
    बेटी दिवस की शुभ कामनाएँ एवं सुंदर सृजन के लिए आपको बहुत बहुत बधाई डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा जी

    ReplyDelete
    Replies
    1. हृदय से आभार संजय भास्कर जी |

      सादर !

      Delete
  4. Replies
    1. हृदय से आभार कालीपद प्रसाद जी |

      सादर !

      Delete